From Earth to Orbit: The Journey of Space Tourism

Introduction

हमारे पास ऐसी बहुत सी travel destinations है जहां पर हम अपने परिवार के साथ या अकेले भी छुट्टियां मनाने जा सकते हैं। दुनिया की यात्रा करना या फिर अपने देश में ही घूमना फिरना या अलग-अलग प्रकार की क्रियाओं का आनंद लेना यही लोगों के लिए पहला विकल्प हुआ करता था।

पर क्या हो अगर आपको छुट्टियां मनाने के लिए space में जाने का मौका मिले? क्या हो जब आप पैसे देकर अंतरिक्ष के अद्भुत नजारे का आनंद ले सकते हैं?

जी हाँ technology में आधुनिकता और कुछ बड़ी-बड़ी कंपनियों के अथक प्रयास के कारण ऐसा संभव हो पाया है। Space tourism में advancement के कारण नई संभावनाएं जन्म ले रही हैं। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण पृथ्वी पर एनर्जी की खपत ज्यादा हो रही है ऐसे में प्राइवेट कंपनी SpaceX मंगल ग्रह पर colonisation का प्रयास कर रही है।

तीन लोग हैं जो space tourism को संभव बना रहे हैं।

पहले हैं Richard Branson जो वर्जिन ग्रुप कंपनी के मालिक है। इनकी space tourism कंपनी का नाम है वर्जिन गैलेक्टिक।

दूसरे हैं Jeff Bezos जो अमेजॉन कंपनी के ऑनर हैं। इनकी space tourism कंपनी का नाम ब्लू ओरिजिन है।

और तीसरे हैं Elon Musk जो टेस्ला कंपनी के ओनर है। इनकी space tourism कंपनी का नाम Space X है।

What is space tourism?

Space tourism एक नए कांसेप्ट के रूप में चर्चा में आया है जिसमें अब आम लोग भी पैसे देकर स्पेस की यात्रा कर सकते हैं। इसे व्यावसायिक रूप से बनाया गया है जिसका मकसद है आम नागरिकों को अंतरिक्ष में जाने का मौका देना।

पहले अंतरिक्ष में जाना scintists और astronauts तक ही सीमित था जिसके लिए उन्हें वहां जाने की विशेष ट्रेनिंग भी दी जाती थी। लेकिन अब सामान्य लोगों के लिए बिना किसी विशेष ट्रेनिंग के पैसे देकर मनोरंजन और रोमांच के लिए स्पेस में जाना संभव हुआ है।

कुछ बड़ी-बड़ी कंपनीज जैसे Blue Origin, SpaceX, Virgin Galactic के कारण ऐसा हो पाना संभव हुआ है। वहां जाते ही लोग weightlessness(भारहीनता) महसूस करते हैं और स्पेस से धरती का नजारा देख सकते हैं।

Why space tourism in talk

1970 और 1980 के दशक में, नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों ने इस पर रिसर्च करना शुरू किया कि अंतरिक्ष में आम लोगों के लिए यात्रा संभव कैसे हो सकती है। लेकिन स्पेस टूरिज्म का असली कॉन्सेप्ट 21वीं सदी में आया, जब प्राइवेट कंपनियों ने इस क्षेत्र में कदम रखा। स्पेसएक्स, ब्लू ओरिजिन और वर्जिन गैलेक्टिक जैसी कंपनियों ने अंतरिक्ष को व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कराने का लक्ष्य बनाया।

Space tourism की धारणा अस्तित्व में तब से आई जब से अमेरिकी एंटरप्रेन्योर डेनिश टीटो ने 2001 में कंपनी ‘ स्पेस एडवेंचर्स’ के साथ अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) का दौरा किया था। कंपनी स्पेस एडवेंचर्स ने उस समय रूस की स्पेस कंपनीर रॉस कॉसमॉस के साथ इस यात्रा का आयोजन किया था।

How space tourism work?

Blue Origin, SpaceX, Virgin Galactic जैसी प्राइवेट कंपनियां स्पेस शिप का निर्माण करती हैं जो आम लोगों को अंतरिक्ष तक ले जा सकता है। यह स्पेसशिप दो तरीके की उड़ान भरती है –

Suborbital flight: इस उड़ान में आप धरती की सतह से लगभग 100 किलोमीटर ऊपर तक स्पेस शिप की मदद से जा सकते हैं और कुछ मिनट के लिए weightlessness(भारहीनता) का अनुभव कर सकते हैं इसके साथ ही आप पृथ्वी के नजारे का आनंद भी ले सकते हैं। इसमें आनंद आपको सीमित समय के लिए ही मिलेगा।

Orbital flight: इस उड़ान में स्पेस से पृथ्वी के चक्कर लगाता है जिससे आपको कुछ दिनों के लिए अंतरिक्ष में रहने का मौका मिलता है।

Challenges faced in space tourism

• Costly Ticket: अगर आप space में यात्रा करना चाहते हैं तो यह आपके लिए काफी महंगा हो सकता है। उदाहरण के लिए वर्जिन गैलेक्टिक की फ्लाइट में एक टिकट की कीमत $2,50,000 ( 2-2.5 करोड़ रुपए ) है जो आम लोगों के लिए अफोर्ड कर पाना बहुत मुश्किल है। हालांकि भविष्य में इसे किफायती बनाने की कोशिश चल रही है और कुछ समय बाद साधारण लोगों के लिए भी space में जाना किफायती हो सकता है।

• Accident: रॉकेट लॉन्च और लैंडिंग बहुत जटिल और खतरनाक होते हैं। तकनीकी खराबी या छोटी गलती से बड़ा हादसा हो सकता है। अंतरिक्ष में कई छोटे-छोटे टुकड़े (स्पेस मलबा) घूमते रहते हैं। अगर स्पेसशिप इनसे टकरा जाए, तो यह बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।

• Impact of zero gravity: microgravity के कारण शरीर की हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं क्योंकि अंतरिक्ष में शरीर को वजन को उठाने की जरूरत नहीं पड़ती।

• Radiation: पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर अंतरिक्ष में रेडिएशन ज्यादा होती है जो मानव शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है। खासकर लंबे समय के लिए अंतरिक्ष में रहना यात्रियों की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

• Limited flight: मौजूदा स्पेसशिप अभी सिर्फ सीमित समय और दूरी तक ही यात्राएं कर सकती हैं। लंबी उड़ानों या अन्य ग्रहों तक पहुंचने के लिए नई तकनीक चाहिए।

• G Force: जब रॉकेट तेजी से पृथ्वी की सतह से ऊपर उठता है, तब यात्रियों पर बहुत ज्यादा G-Force लगती है। इससे ऐसा महसूस होता है जैसे शरीर पर भारी वजन पड़ रहा हो।

G-Force की वजह से शरीर पर भारी दबाव पड़ता है, जो दिल, मांसपेशियों और सांस पर असर डाल सकता है। खासतौर पर स्पेस टूरिज्म में यह एक अहम चुनौती होती है, क्योंकि यात्रियों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

Impact on global travel

• अभी तक पर्यटन स्थल पृथ्वी तक सीमित थे, लेकिन space tourism के जरिए चांद, मंगल और अन्य अंतरिक्ष ठिकाने भविष्य के पसंद किए जाने वाले tourist destinations बन सकते हैं। इससे टूरिज्म का विस्तार होगा।

• space tourism को बढ़ावा मिलने से अन्य पर्यटन स्थलों की लोकप्रियता में कमी आ सकती है। खासकर कि वह लोग जो अमीर हैं और स्पेस की यात्रा अफोर्ड कर सकते हैं उनके लिए space tourism एक बेहतर विकल्प हो सकता है

Future of space tourism

• Cost effective: भविष्य में टेक्नोलॉजी बढ़ने के कारण space tourism के खर्चों को किफायती बनाया जा सकता है। कंपटीशन के कारण और अधिक कंपनियां इस क्षेत्र में शामिल होंगे और टिकट की प्राइस घट सकती है।

• Long distance: भविष्य में लोग ऑर्बिटल फ्लाइट के जरिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की यात्रा भी कर सकेंगे। SpaceX कम्पनी इसी दिशा में काम कर रही है। space tourism में लंबे समय तक रहने की सुविधाएं विकसित की जा सकती हैं, जैसे अंतरिक्ष होटल।

• More protection: आने वाले वर्षों में, स्पेस टूरिज्म के लिए नई और उन्नत तकनीकें विकसित होंगी जिसके रॉकेट लॉन्च करने की प्रक्रिया और सुरक्षा में सुधार होगा, और यात्रा अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक हो जाएगी।

• New place to live: भविष्य में space tourism के जरिए अन्य ग्रहों पर स्थायी बस्तियाँ स्थापित करने की संभावनाएँ हो सकती हैं, जिससे मानवता का विस्तार हो सकेगा। क्या पता एनर्जी की खपत ज्यादा प्रदूषण बढ़ने के कारण हम किसी दूसरे ग्रह पर भी रहने की संभावनाएं खोज पाए।

Conclusion

आज, स्पेस टूरिज्म की संभावनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जहां प्राइवेट स्पेस फ्लाइट्स लोगों को सीमित अवधि के लिए अंतरिक्ष में ले जा रही हैं। भविष्य में, चंद्रमा और मंगल जैसे ग्रहों पर यात्रा करना भी संभव हो सकता है। फिलहाल, स्पेस टूरिज्म का खर्च बहुत अधिक है, लेकिन तकनीकी प्रगति के साथ, भविष्य में इस खर्च के कम होने की उम्मीद है। आने वाले समय में चांद और मंगल जैसे ग्रहों की यात्रा भी स्पेस टूरिज्म के अंतर्गत आ सकती है, जिससे यह रोमांचक यात्रा का एक प्रमुख विकल्प बनेगा।

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