UPSC का नया चेयरपर्सन प्रीती सूडान: पिछले चेयरपर्सन की तुलना में क्या नया है?

पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीती सूडान जो कि नवंबर 29 2022 से यूपीएससी की मेंबर भी है उन्हे यूपीएससी का नया चेयरपर्सन 1 अगस्त 2024 को बनाया जाएगा। यूपीएससी के चेयरपर्सन के रूप में उनका कार्यकाल 29 अप्रैल 2025 तक उनके रिटायरमेंट तक रहेगा। प्रीती सूडान 1983 बैच की पूर्व IAS ऑफिसर है। मनोज सोनी के इस्तीफा देने के बाद, प्रीती सूडान को नया अध्यक्ष बनाया जाएगा। मनोज सोनी के इस्तीफा देने का कारण उनका व्यक्तिगत फैसला है। मनोज सोनी का कार्यकाल 2029 तक था पर उन्होंने 5 साल पहले ही इस्तीफा दे दिया। मनोज सोनी के मुताबिक पूजा खेडकर के कारण upsc के चारो ओर चल रही कॉन्ट्रोवर्सी का उनके इस्तीफा देने का कारण नहीं है। बता दे की पूजा खेड़कर ने अपनी नकली पहचान बनाकर कई बार यूपीएससी एग्जाम में बैठने की कोशिश की है। जिस कारण उन्हें अब ताउम्र एग्जाम में बैठने की अनुमति नहीं है।

प्रीति सूडान को upsc का नया अध्यक्ष आर्टिकल 316A के मुताबिक बनाया गया है।अनुच्छेद 316A के अनुसार, राज्य के गवर्नर राज्य लोक सेवा आयोग (SPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति कर सकते हैं, और इनकी सेवा की शर्तें भी गवर्नर द्वारा निर्धारित की जाती हैं, बशर्ते कि ये शर्तें संविधान की नियम के मुताबिक हों।यह अनुच्छेद यह भी सुनिश्चित करता है कि इन सदस्यों की सेवा की शर्तें उनकी नियुक्ति के बाद बदलने पर उनके खिलाफ नहीं हो सकतीं।

कोन है प्रीति सूडान ?

उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर (Post-Graduation in Economics) किया है।इसके अलावा, उन्होंने मास्टर ऑफ फिलॉसफी (M.Phil.) की डिग्री भी प्राप्त की है।यह स्पष्ट है कि प्रीति सूडान की शिक्षा अर्थशास्त्र में मजबूत है।

प्रीति सूडान एक प्रमुख भारतीय प्रशासनिक अधिकारी हैं और उन्होंने भारतीय सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे 1983 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी हैं और आंध्र प्रदेश कैडर से संबंधित हैं।

अपनी सेवा के दौरान, प्रीति सूडान ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की सचिव के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहाँ उन्होंने भारत की स्वास्थ्य नीतियों और पहलों में योगदान किया। इसके अलावा, वे खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की सचिव भी रह चुकी हैं, जहाँ उन्होंने खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक वितरण प्रणालियों के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई।उनके प्रशासनिक कौशल और नीतिगत योगदान के लिए उन्हें जाना जाता है। कोविड महामारी के दौरान उन्होने उचित कदम उठाकर स्थिति को संभाला था।

मनोज सोनी(यूपीएससी के अध्यक्ष):

मनोज सोनी ने राजनीति विज्ञान (Political Science) में स्नातकोत्तर (Post-Graduation) किया है।उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में डॉक्टरेट (Ph.D.) की उपाधि प्राप्त की है।वह स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में उपस्थित institute ऑफ ह्यूमन राइट्स से प्रशिक्षित हैं।

उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली है और इस पद पर कार्य करते हुए UPSC की परीक्षाओं और चयन प्रक्रियाओं की निगरानी करते हैं।

मनोज सोनी को उनके शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों के लिए विभिन्न पुरस्कारों और सम्मान से नवाजा गया है।

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