2000 के दशक में कई ऐसी फिल्में आई जिन्होंने ने अपनी अनोखी कहानियों के कारण दर्शकों का दिल जीत लिया और काफी लोकप्रिय हो गई। फिल्म जैसे कि डार्क नाइट, हैरी पॉटर, लॉर्ड ऑफ द रिंग्स आदि फिल्में 2000 के दशक की कुछ लोकप्रिय फिल्में साबित हुई।
लेकिन इन बड़ी फिल्मों के बीच कई ऐसी अच्छी और छुपी हुई फिल्में भी थी जो अपनी शानदार storytelling और बेहतरीन acting के बावजूद चर्चा में नहीं आ पाई। ये फिल्म अपने अलग-अलग कहानियां और नयापन के कारण अनोखा अनुभव देती हैं। इन फिल्मों को देखकर आपको महसूस होगा कि 2000 के दशक में भी ऐसी बेहतरीन फिल्में बनती थी।
आज के इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे ही फिल्मों के बारे में बात करेंगे जो अपने समय की बेहतरीन फिल्में होने के बावजूद दर्शकों का ध्यान अपनी और नहीं खींच पाई और चर्चित नहीं हुई।
1. चिल्ड्रन ऑफ मेन (2006)
कहानी: चिल्ड्रन ऑफ मेन की कहानी एक डार्क और डरावने भविष्य में सेट है जहाँ पूरी दुनिया में बच्चे पैदा होना बंद हो चुके हैं। साल 2027 में, पूरी मानवता विलुप्ति की कगार पर खड़ी है क्योंकि पिछले 18 सालों में कोई भी बच्चा जन्म नहीं ले पाया है। दुनिया में अराजकता और निराशा का माहौल है। इस बीच, एक आदमी दुनिया की एकमात्र गर्भवती महिला को बचाने का जिम्मा उठाता है।
क्यों खास है: इसके कुछ दृश्यों में एक ही टेक में शूट किए गए लंबे सीक्वेंस हैं, जो दर्शकों को सच्चाई के बेहद करीब ले जाते हैं। इसके अलावा, यह फ़िल्म मानवीय मूल्यों, साहस, और उम्मीद पर जोर देती है, जो इसे भावनात्मक रूप से गहराई देती है।
कम चर्चित क्यों रही: इसकी गंभीर और डरावनी कहानी आम दर्शकों के लिए थोड़ी भारी हो सकती है। हालांकि, यह फिल्म तकनीकी दृष्टि से बहुत प्रशंसा प्राप्त कर चुकी है और एक कल्ट क्लासिक मानी जाती है।
2. ब्रिक (2005)
कहानी: ब्रिक की कहानी एक हाई स्कूल में सेट है, जहाँ ब्रेंडन फ्राई (जोसेफ गॉर्डन-लेविट) नाम का एक टीनएजर अकेला और चुपचाप रहने वाला छात्र है। उसकी ज़िंदगी में तब भूचाल आ जाता है, जब उसकी ex-lover एमिली (एमिली डी रेविन) अचानक लापता हो जाती है। ब्रेंडन को एमिली से एक अजीब फोन कॉल आती है, जिसमें वह किसी खतरे का इशारा करती है।
ब्रेंडन, जो अब भी एमिली से प्यार करता है, उसका पता लगाने और उसकी मदद करने के लिए खुद से जासूसी करने का फैसला करता है। इस सफर में वह ड्रग डीलर्स, क्राइम लीडर्स, और कई रहस्यमयी किरदारों से मिलता है। वह इन खतरनाक रास्तों पर चलते हुए, एक ऐसी दुनिया में कदम रखता है जहाँ हर कोई अपना राज़ छुपाए हुए है।
खास क्यों है: रिआन जॉनसन द्वारा निर्दे1. इटरनल सनशाइन ऑफ द स्पॉटलेस माइंड (2004)शित इस फ़िल्म में हाई स्कूल के वातावरण को क्लासिक नोयर स्टाइल में दिखाया गया है। जोसेफ गॉर्डन-लेविट की एक्टिंग भी काफ़ी सराही गई।
कम चर्चित क्यों रही: इसकी अनोखी शैली और कहानी ने इसे एक सीमित दर्शक वर्ग तक सीमित कर दिया, लेकिन अपने नएपन के कारण इसे फिल्म प्रेमियों के बीच बहुत पसंद किया गया है।
3. इटरनल सनशाइन ऑफ द स्पॉटलेस माइंड (2004)
कहानी: यह कहानी एक ऐसे जोड़े की है जो एक दर्दनाक ब्रेकअप के बाद एक-दूसरे को अपनी यादों से मिटाने का फैसला करते हैं। लेकिन जैसे-जैसे यादें मिटती हैं, उन्हें अहसास होता है कि शायद वो एक-दूसरे को भूलना नहीं चाहते।
खास क्यों है: यह फ़िल्म रिश्तों और यादों की जटिलताओं को बेहद अनोखे और भावनात्मक तरीके से दिखाती है। इसमें जिम कैरी और केट विंसलेट की शानदार परफॉरमेंस देखने लायक है।
कम चर्चित क्यों रही: इसकी अलग तरह की कहानी और अनोखी प्रस्तुति ने इसे आम दर्शकों के लिए थोड़ा जटिल बना दिया, इसलिए इसे उतनी पहचान नहीं मिली।
4. द फॉल (2006)
कहानी: द फॉल की कहानी 1920 के दशक में एक अस्पताल में सेट है, जहाँ एक घायल स्टंटमैन रॉय वॉकर (ली पेसे) का इलाज हो रहा है। रॉय का दिल टूटा हुआ है और वह अपनी जिंदगी से निराश है। उसी अस्पताल में एक छोटी लड़की एलेक्ज़ेंड्रिया (कैटिंका अनटारू) का भी इलाज चल रहा है, जिसने खेलते समय हाथ में चोट लगा ली थी।
एलेक्ज़ेंड्रिया और रॉय के बीच दोस्ती हो जाती है, और रॉय उसे एक अद्भुत फैंटेसी कहानी सुनाने लगता है। यह कहानी एक ऐसे वीर योद्धा और उसके साथियों की है जो एक क्रूर शासक से बदला लेना चाहते हैं। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, रॉय अपने दर्द और निराशा को इस कहानी में शामिल करने लगता है, जिससे यह कहानी धीरे-धीरे रॉय के अपने जीवन के दुखों का प्रतीक बन जाती है।
खास क्यों है: इस फ़िल्म की सिनेमेटोग्राफी बेहद खूबसूरत है और इसे बिना किसी CGI के 28 देशों में शूट किया गया है। यह एक जादुई और दिल छू लेने वाला अनुभव देती है।
कम चर्चित क्यों रही: सीमित रिलीज और कम मार्केटिंग के कारण यह फिल्म लोगों की नज़रों में नहीं आ पाई, लेकिन आज इसे एक कल्ट क्लासिक माना जाता है।
5. ए स्कैनर डार्कली (2006)
कहानी: ए स्कैनर डार्कली की कहानी भविष्य के एक ऐसे समाज में सेट है जहाँ सरकार लोगों पर नजर रखती है और हर किसी की गोपनीयता लगभग खत्म हो चुकी है। फिल्म का मुख्य किरदार बॉब आर्क्टर (कीनू रीव्स) है, जो एक अंडरकवर पुलिसवाला है। बॉब को एक ख़तरनाक ड्रग “सब्स्टेंस डी” के इस्तेमाल और उसके फैलाव की जांच करने का काम सौंपा गया है। लेकिन इस मिशन के दौरान, बॉब खुद इस ड्रग की लत में फंस जाता है और उसकी पहचान धीरे-धीरे धुंधली होती जाती है।
जैसे-जैसे ड्रग का असर बढ़ता है, बॉब को यह समझना मुश्किल होने लगता है कि वह असल में कौन है—एक पुलिसवाला या एक अपराधी। उसकी पहचान और वास्तविकता के बीच का अंतर धुंधला होता जाता है, जिससे उसकी जिंदगी एक भयंकर भ्रम में बदल जाती है।
खास क्यों है: इसमें रोटोस्कोप एनीमेशन तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जो इसे एक सपने जैसा एहसास देता है। यह फिल्म पहचान, जासूसी और नशे के मुद्दों को बहुत अनोखे तरीके से प्रस्तुत करती है।
कम चर्चित क्यों रही: इसके एनीमेशन स्टाइल और गहरे विषयों के कारण यह आम दर्शकों के लिए थोड़ी अलग थी, लेकिन इसे एक सोची-समझी फिल्म के रूप में सराहा गया।
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