Voynich Manuscript दुनिया की सबसे रहस्यमई किताबों में से एक है। इस किताब में बहुत से अनसुलझे रहस्य छुपे हुए हैं। बताया जाता है कि अगर इस किताब को डिकोड कर लिया जाए तो भविष्य का पता लगाया जा सकता है। अभी तक इस किताब को डिकोड करने के सारे प्रयास विफल हुए है। दुनिया के महान क्रिप्टोग्राफर ने अपना काफी समय इसको डी कोड करने में लगा दिया फिर भी डिकोड करना संभव नहीं हो पाया
यह एक codex(हाथ से लिखी गई पुरानी किताब) है, जो की vellum(बछड़े की चमड़ी से सिली हुई) मैटेरियल से बनी है। इस बुक को लिखने वाला कौन है इस बात का सही पता अभी तक नहीं लगा है। हालाकि कुछ थ्योरीज (कथन)है जो कि इसके रचयिता के बारे में बताती है ।इस किताब में कुल 292 पेज है। बहरहाल इसमें 240 पेज ही है। कुछ पेज पुरानी होने के कारण गायब है। रेडियो कार्बन डेटिंग से पता चलता है कि यह किताब 15 वी शताब्दी की है। इस किताब में कुल 6 भाग है।
1: Botany(वनस्पति विज्ञान) : इस किताब के पहले भाग में (जो की 113 पन्नो का है) जड़ी बूटियां और पेड़ पौधों के बारे में बताया गया है। हालांकि किताब में दिए गए पेड़ पौधों के चित्रण का पता लगा पाना संभव नहीं हो पाया है कि वह कौन से पेड़ पौधे है।
2:Astrology(ज्योतिष शास्त्र) : इस भाग में हमें तारे, सूर्य और चंद्रमा के चित्रण के साथ कुछ zodiac चिन्ह भी देखने को मिलते है।
3:Biology(जीव विज्ञान) : इस भाग में कुछ न्यूड औरतों की तस्वीरे जो की एक ट्यूब से कनेक्ट है, देखने को मिलती है।
4: Cosmology(ब्रह्मांड विज्ञान) : इस भाग में हमें तारों से भरा हुआ और दूसरे चित्रों से भरा हुआ धातु का 9 coin या मेडल जिसमे अलग-अलग चित्र है, देखने को मिलता है।
5:Pharmaceutical(दवा) : इस भाग में हमें फिर से जड़ी बूटियां ही देखने को मिलती है।
6:Astronomy (खगोल शास्त्र)
Voynich Manuscript का इतिहास
Voynich Manuscript का नाम Wilfrid Voynich के नाम पर रखा गया है जो जो कि एक पॉलिश बुक डीलर थे। उन्हें यह किताब सन 1912 में एक लाइब्रेरी में मिली थी। तब पहली बार इस किताब का पता लगा था। Wilfrid Voynich उच्च यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए थे। उन्हें 15 भाषाओं का ज्ञान था। साथ ही वे पांच भाषाओं को लिख भी सकते थे। इस किताब में अलग-अलग प्रकार के 10 लाख से भी ज्यादा चित्रण है जैसे कि इंसानों का, अलग-अलग काल्पनिक पेड़-पौधों का, ज्योतिस शास्त्र के चिन्हों का, zodiac चिन्हों का, अलग अलग ग्रहों का, साथ ही इसमें एक लाख 1,70,000 से भी ज्यादा कैरेक्टर है।जब Wilfrid Voynich को यह किताब मिली तो उन्होंने पढ़ने की कोशिश करी, पर इस बात का पता लगाना कि यह किताब किस भाषा में लिखी है,उनके लिए संभव नही था। क्योंकि यह अपठित सब्दों में लिखी हुई थी। इसको डिकोड करने के लिए Wilfrid Voynich ने अथक प्रयास किए। दुनिया का सबसे महान अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर, William F Friedmann जिन्होंने दूसरे वर्ल्ड वॉर में जापान का पर्पल कोड थोड़ा था, voynich manuscript को डिकोड करने में अपना 40 समय बिताने के बावजूद इसे सुलझा नहीं पाए।
Voynich Manuscript के बारे में hypothetical theories
इस किताब का पहला ऑनर रोमन राजा रुडोल्फ द्वितीय को बताया जाता है। Wilfrid Voynich को जब यह किताब मिली थी तो उसमें एक लेटर भी पहले से डला हुआ था। जिसमें 19 अगस्त, 1665 की तारीख डली हुई थी। यह लेटर जेनिस मार्कस मार्की ने लिखा था। यह लेटर रोम के एथेनेसियस किरचर को लिखा गया था। इस लेटर में लिखा था की यह किताब कोड में लिखी है। इस लेटर को पढ़कर Wilfrid Voynich को यह भी पता चला कि यह किताब एक जर्मन राजा के पास थी। जिन्होंने John Dee से यह किताब 600 Ducats देके खरीदी थी। उसे लेटर में यह भी बताया गया था की यह किताब Roger Beacon ने लिखी है।
Roger Beacon 13वी शताब्दी के एक फिलॉस्फर और साइंटिस्ट थे। साथ ही वह चर्च के मेंबर भी थे। पर जब कार्बन डेटिंग से इस बात का पता चला कि यह किताब 15वीं शताब्दी की है तो इस बात का पता चलता है कि इस किताब के रचयिता Roger Beacon नही है क्युकी इनका जन्म तो 13वी शताब्दी में हुआ था। तो फिर इस किताब को किसने लिखा था?
इस किताब में एक क्लॉक जैसा चिन्ह देखने को मिलता है, जिसके नीचे एक निश्चित समय देखने को मिलता है जो है 10:00 / 10:30 और सन 1452। और अगर इस सन की खोज करें तो हमें पता चलता है कि leonardo da vinci का जन्म भी इसी सन को हुआ था। इसी आधार पर इस किताब के रचयिता da vinci को भी बताया जाता है। Leonardo da vinci कि और भी किताबों की लिपियां इस किताब से कुछ हद तक मेल खाती है। हालांकि यह महज एक संयोग भी हो सकता है। इस किताब की उत्पत्ति की जगह सेंट्रल यूरोप को बताया जाता है। परंतु ऐसे प्रमाण नहीं मिले हैं जिससे इस बात को सिद्ध किया जा सके।
इस किताब को अब अमेरिका की yale university में रखा गया है साथ ही इसे इंटरनेट पर भी एवलेबल कर दिया गया है ।आज की तकनीक से जब वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इस बात का पता लगाना चाहा की इस किताब में लिखा क्या है तो वह भी नाकाम रहे। पर इतना जरूर पता चल पाया कि यह किताब Hebrew Language में लिखी गई थी। और इसके पहले वाक्य का अनुवाद भी संभव हो पाया जो की है ” she made recommendations to the priest, man of the house and me and people” हालांकि इस वाक्य से ज्यादा कुछ पता नहीं लगाया जा सकता।औ वैज्ञानिक आज तक केवल एक ही सेंटेंस डिकोड करने में सफल रहे।
इस किताब को डिकोड कर पाना आज तक संभव नहीं रहा है। अगर हम इस किताब को डिकोड करने में संभव रहे तो हमें कुछ अनसुलझे रहस्यों के बारे में पता चल सकता है। कुछ लोगो के हिसाब से इसे किसी भी तरीके से लिख दिया गया है जिसका कुछ मतलब नही है। और कुछ लोग इसे पैसा कमाने की चाह बताते है।