Breathing Techniques for Relaxation and stress relief

Introduction

सांस लेना एक ऐसी क्रिया है जिसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं है। इसके बावजूद इस क्रिया को हम हल्के में ले लेते हैं। अलग-अलग प्रकार के प्राचीन संस्कृतियों ने सांस लेने की ऐसी तकनीके विकसित की थी जिनका इस्तेमाल हम आज कर कर अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। इन तकनीकों का इस्तेमाल ही हमें अलग स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे क्या है वह तकनीके और उनसे जुड़े लाभ जिनका इस्तेमाल करके हम अपने रोजमर्रा की जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं।

Pranayam(प्राणायाम);

योग से जुड़ी brathing exercise के समूह को प्राणायाम कहते हैं। प्राणायाम साधारण breathing तकनीक से अलग है। साधारण breathing तकनीक मैं सांस अंदर लेना और बाहर छोड़ना शामिल होता है। लेकिन प्राणायाम तकनीक(जैसे की नाड़ी सोधना, कपालभाति इत्यादि) का लक्ष्य धीरे धीरे सांस लेना और अपनी सांस को गहराई तक ले जाना होता है ताकि हमारे मस्तिष्क को शांति की अवस्था में ले जाया जा सके। इसके साथ ही हमारे मस्तिष्क और शरीर में संतुलन, ज्यादा एनर्जी का आदान – प्रदान हमारी बॉडी में होना प्राणायाम का मुख्य उद्देश्य है।

प्राणायाम मैं तीन भाग होते हैं-Inhalation(पुराका), Retention holding(कुंभका), Exhalation(रेचका)

Hatha Yoga Pradipika के अनुसार 8 प्राणायाम जिन्हें 8 कुंभकाश कहते हैं, होते है। जिनका नाम है सूर्यभेदना, उज्जयी, सीतकारी,शीतली, भस्त्रिका ,भ्रामरी, मोर्छा और प्लाविनी।

pranayam के लाभ:

• सूर्यभेदना का नियमित उपयोग करने से शरीर का तापमान बढ़ता है जो हमारे बमस्तिष्क के left hemisphere में सकारात्मक प्रभाव डालता है और हमारा मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

• भस्त्रिका प्राणायाम का नियमित इस्तेमाल करने से हमारे फेफड़ों की और श्वसन संबंधी क्रियाएं अच्छे से हो पाती है।

• नाड़ी शोधना का इस्तेमाल हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है जिससे हमें तनाव से मुक्ति मिलती है। नाड़ी शोधना का इस्तेमाल हमारे blood pressure को संतुलित करता है और तो और हमारी समस्या को सुलझाने की शक्ति को बढ़ाता है।

• कपालभाति का नियमित इस्तेमाल हमारे मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाता है जिससे हमारे बॉडी में एनर्जी का खपत ज्यादा होता है और हमें वजन कम करने में मदद मिलती है।

Buteyko breathing technique:

Buteyko breathing तकनीक में नाक के द्वारा गहरी सांस धीरे-धीरे ली जाती है ताकि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन हमारे बॉडी में जा सके। इस तकनीक को ऐसे लोगों के लिए डिजाइन किया गया है जो कम गहराई वाली सांस लेते हैं। कम गहराई वाली सांस लेने से CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) का लेवल बढ़ जाता है, जिसके कारण हृदय संबंधी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है और साथ ही साथ blood pressure और तनाव भी बढ़ जाता है। लोग अक्सर Buteyko breathing का इस्तेमाल अस्थमा और अन्य श्वास से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए करते हैं।

Buteyko breathing technique

Buteyko के लाभ:

• इस तकनीक से श्वास लेने के कारण शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का सही संतुलन बनता है, जिससे शरीर की कोशिकाओं को अधिक से अधिक ऑक्सीजन मिलती है और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर नहीं बढ़ पाता जिससे blood pressure संतुलित रहता है।

• सांसों पर बेहतर नियंत्रण पाने से अस्थमा के दौरे को रोकने में मदद मिलती है। अस्थमा के मरीजों को सांस संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करती है।

• धीरे-धीरे और नियंत्रित सांस लेने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है। यह तकनीक चिंता और पैनिक अटैक्स को भी नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

Tummo breathing technique:

Tummo एक तिब्बतन शब्द है जिसका मतलब है “inner fire”। Tummo को हम चांडाली योग भी कहते हैं। इसका इस्तेमाल ध्यान की अवस्था में जाने के लिए किया जाता है। गहरे ध्यान की अवस्था में जाने के लिए इसमें ब्रीदिंग और विजुलाइजेशन का अभ्यास किया जाता है । गहरा ध्यान एक ऐसी अवस्था है जहां व्यक्ति अपनी शारीरिक उपस्थिति और परिवेश के बारे में जागरूकता को खो देता है यानी उसे पता ही नहीं चलता कि उसके आसपास हो क्या रहा है। Tummo क्रिया का इस्तेमाल करने वालो में अपना शारीरिक तापमान बढ़ाने की क्षमता विकसित हो जाती है। हिमालय के पहाड़ों में buddhist monk इन क्रियाओं को करते थे और अपना शारीरिक तापमान बढ़ने में सक्षम हो जाते थे।

Tummo breathing technique

Tummo के लाभ:

• Tummo का इस्तेमाल करके हम अपने अंदर के चक्र को जगा सकते हैं। इसमें मुख्यतः सक्रल चक्र है जिसे इस क्रिया से जगाया जा सकता है। इस चक्र को जागृत करने से हमारे समृद्ध जीवन अनुभव का मार्ग खुल जाता है। इस चक्र का जागरण न केवल शांति को बढ़ावा देता है बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक भाव भी प्रदान करता है।

• Tummo में शारीरिक तापमान बढ़ने के कारण हमारे इम्यूनिटी में सुधार देखने को मिलता है और तो और हमारे अंदर काम करने वाले organs सही से क्रिया कर पाते हैं।

• Tummo के इस्तेमाल से तनाव में कमी और अवचेतना का आभास होता है क्योंकि इसमें एकाग्रता की आवश्यकता होती है।

Qigong breathing technique:

चिगोंग को पारंपरिक चीनी चिकित्सा के भाग के रूप में चीन में हजारों साल पहले विकसित किया गया था। चिगोंग में ऐसे बहुत से व्यायाम शामिल है जिनका लक्ष्य है शरीर, मन और आत्मा के भीतर ऊर्जा का अनुकूलन करना जिससे हमारा स्वास्थ्य बेहतर हो सके। एक्टिव चिगोंग तकनीक में अक्सर शरीर की गतिविधियों पर ध्यान दिया जाता है जिसमें पूरे शरीर को गतिमान बनाना शामिल होता है। और निष्क्रिय चिगोंग तकनीक को किसी भी मुद्रा(posture) में किया जा सकता है। इसमें मुख्यतः सांस और मन के व्यायाम शामिल होते हैं जिसमे कोई शारीरिक हलचल नहीं होती है।

qi gong breathing technique

Qigong के लाभ:

Qigong में ऐसी शारीरिक और मानसिक गतिविधियां शामिल होती है जिससे न केवल तनाव कम होता है बल्कि हमारे शरीर में ऊर्जा का संचार भी होता है जिससे हमें आंतरिक रूप से मजबूती भी प्रदान होती है। आईए जानते हैं Qigong के लाभ के बारे में –

• Anxiety: अपने स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करके और उस पल में उपस्थित रहकर हम अपने विचारों को शांत कर सकते हैं और अपने डर को कम कर सकते हैं। इसका नियमित अभ्यास करने से हमारे शरीर और मस्तिष्क में संतुलन बना रहता है।

• Muscle growth: इस तकनीक में शारीरिक मूवमेंट वाले एक्सरसाइज शमिल होती हैं जो शारीरिक संतुलन और लचीलेपन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। इसकी गतिविधियों से हमारे मांसपेशियों को मजबूती प्रदान होती है जिससे शारीरिक रूप से फिट रहने में हमे मदद मिलती है।

• Visualization: Qigong के इस वाले भाग में हम meditation के द्वारा सकारात्मक तस्वीरों और विचारों की कल्पना करते हैं जिससे हमारे मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

निष्कर्ष:

बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के इस आधुनिक युग में चिंता और तनाव लोगों में बढ़ता जा रहा है और लोगों के स्वास्थ्य में गिरावट देखने को मिल रही है। इसलिए इन प्राचीन सांस लेने वाली तकनीकों को अपने दैनिक आदत में लाना मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावशाली है क्योंकि इन्हें कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है। यह न केवल रोग प्रतिरोधकता में मदद करते हैं बल्कि यह हमारे इम्यूनिटी को भी बढ़ाते हैं जिससे हमारा reaction time भी बढ़ता है।

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